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25 Jan 2018 · 1 min read

आओ मिलकर गणतंत्र उत्सव मनाये

किसी ने कपास बोया
किसी ने पानी पिलाया
किसी ने निराई गुडाई की
किसी ने कपास का सूत काता
किसी ने उलझे को सुलझाया
किसी ने हाथों से बुना
तब है आवरण बन पाया
मिलकर विद्वानों ने बनाया
दो साल, ग्यारह महिने
अट़ठारह दिन इसमें लगाया
इस तरह ये लिपिबद्ध हो पाया
पवित्र पुस्तिकों में इसे बनाया
गीता, कुरान, गुरुमुखी व बाइबिल
सबने समान सम्मान है पाया
सबको अपना घर सा देश लगे
ऐसा सबको अधिकार है दिलाया
सभी को एक सूत्र में बांध
पूरे देश का सुरक्षा कवच बनाया
ऐसा प्यारा ये संविधान बनाया
चार स्तम्भों पर इसे टिकाया
देशवासियों के कर्तव्य का
पग पग पर है बोध कराया
आओ हमारे कर्तव्य और अधिकार में
तारतम्य बिठा हर्षायें
आओ मिलकर गणतंत्र उत्सव मनाये
आओ मिलकर गणतंत्र उत्सव मनाये

लक्ष्मण सिंह

Language: Hindi
290 Views
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