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4 May 2024 · 1 min read

आओ बैठो पास हमारे

आओ बैठो पास हमारे

रूठना कैसा साथी अब
आओ बैठो पास हमारे

देखेंगे हम एक दूजे को
हुआ अंधेरा दीया बारें

रूप यौवन चार दिनों का
हम प्रेम पर दिल हैं हारे

काँटे पत्थर खूब मिलेंगे
पथ प्रशस्त हो साथ हमारे

अब मृत्यु से भय ही कैसा
जब चलना है साथ तुम्हारे

गीत गाएगा ये जग इक दिन
जब प्रेम खिलेगा सबके द्वारे

साथी अब तो हाथ बढ़ा दो
घिर आए लो बदरा कारे

उठी हिलोर देखो सागर में
प्रेम लिखें अब साँझ सकारे

#डॉभारतीवर्माबौड़ाई

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