आओ बैठो तुम्हे सुनाये एक कहानी बाबू जी !
आओ बैठो तुम्हे सुनाये एक कहानी बाबू जी !
झरता है तो झर जाने दो आँख का पानी बाबू जी !!
देख गरीबी सबने मुझको जी भरके दुत्कारा था,
जी भरके रोते देखा था रोशनदानी बाबू जी !!
फुटपाथों पर सोते सोते सुंदर सपना देखा था,
पाँच सितारा में खाते है दाल मखानी बाबू जी !!
गांव मुहल्ले के कहते थे कोई ना पूछेगा तुझको,
देखो सुंदर मेरे सपनो की मिल गई रानी बाबू जी !!
बात बात में नानी जी से करके आया था वादा,
किसे घुमाऊ कार से अपने मर गई नानी बाबू जी !!
साफ़ नीयत सच्चे ईमान से रहना तू मेरे जुगनू,
आप ने ऐसी बात कहीं थी बहुत पुरानी बाबू जी !!
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