आओ बैठें ध्यान में, पेड़ों की हो छाँव ( कुंडलिया )
आओ बैठें ध्यान में, पेड़ों की हो छाँव ( कुंडलिया )
*******************************
आओ बैठें ध्यान में , पेड़ों की हो छाँव
गति को अब विश्राम दें , रखें पाँव पर पाँव
रखें पाँव पर पाँव, साँस को सुनना सीखें
भीतर से चुपचाप , मौन में गहरे दीखें
कहते रवि कविराय, शून्य का भाव जगाओ
पा जाओगे ईश , ध्यान में सब जन आओ
—————————————————-
रचयिता ःरवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99 97 61 545 1