आओ बाहों मे
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क्या रखा कुछ फिजूल बातों मे
प्यार करे आओ मेरी बाहों मे
धडकनो की सदा सुनो तुम भी
तुम्हे छुपा ले कही निगाहों मे
जिंदगी भी ये बेवफा निकलेगी
सामने पा के मौत राहों मे
शांत बैठ कर सुनो कभी हवा को
दर्द कितना है उसके गीतों मे
बहुत कुछ पाने की थी चाहत पर
उलझ गई जिंदगी जरूरतों मे