आओ, बातें करते हैं
आओ,कुछ बातें करें,
रंग जीवन में फिर से भरें,
इक चुप्पी सी है दोनों में छाई,
दूर हो रही ख़ुद से ख़ुद की परछाई
ख़्वाबों के पंखों में फिर से उड़ान भरें,
आओ न, कुछ बातें करें,
आसमान का रंग हुआ निपट सफ़ेद,
हो चुका तेरे मेरे रिश्ते सा सफ़ेद,
चल आसमान को फिर से गुलाबी करें,
इसमें गुलाबी इश्क़ भरें,
आओ न, कुछ बातें करें,
हवाएँ हैं यूँ बेजान सी ख़ाली,
जैसे तेरी मेरी भावनाएँ हैं ज़ियाली,
चल हवाओं में ख़ुशबू भरें,
चारों तरफ़ इत्र इत्र करें,
आओ न, कुछ बातें करें,
चाँद न चमके इन दिनों, हुआ यह फीका ज़र्द,
यूँ जैसे हमारा रिश्ता है सर्द ,
चल चाँद को थोड़ा चमकीला करें,
इसमें रोशनी का अर्क भरें,
आओ न, कुछ बातें करें
रंग ज़िंदगी में भरें, आओ न बातें करें…