*आओ बच्चों सीख सिखाऊँ*
आओ बच्चों सीख सिखाऊँ
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आओ बच्चों सीख सिखाऊँ,
एक पते की बात बताऊँ।
पढना-लिखना काम तुम्हारा,
जग में होगा नाम तुम्हारा,
ऐसा सदा विश्वास दिलाऊँ।
एक पते की बात बताऊँ।
खेलो – कूदो मौज मनाओ,
खूब खुशी से नाचो गाओ,
मधुर मधुर सा गीत सुनाऊँ।
एक पते की बात बताऊँ।
मात -पिता का मानो कहना,
प्रेम प्यार से मिल कर रहना,
फूलों की बरखा बरसाऊँ।
एक पते की बात बताऊँ।
विद्या धन अनमोल खजाना,
लक्ष्य पर ही साधो निशाना,
मंजिल तक सदैव पहुँचाऊँ।
एक पते की बात बताऊँ।
मोबाइल की बड़ी लत बुरी,
शिक्षा ही है जीवन की धुरी,
बुरी बातों से ध्यान हटाऊँ।
एक पते की बात बताऊँ।
मनसीरत बलिहारी जाऊँ,
तुझ मै सारी खुशियाँ पाऊँ,
सीधी – साधी राह लगाऊँ।
एक पते की बात बताऊँ।
आओ बच्चों सीख सिखाऊँ,
एक पते की बात बताऊँ।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)