आओ प्रेम स्नेह बढ़ाए
आओ सीखे शिष्टाचार ।
सबसे करें सही व्यवहार ।।
कभी न करें किसी से छल ।
दुःखमय बन जाता कल ।।
क्षणिक मिलता इससे सुख ।
फिर मलिन हो जाता मुख ।।
झूठ का न लीजिए सहारा ।
जीत कर भी लगेगा हारा ।।
विश्वास कभी न तोड़ना ।
अपनो से मुँह न मोड़ना ।।
जीवन भाग्य से मिलता ।
सदकर्म से महान बनता ।।
क्रोध को न कभी घर लाइए ।
विवेक बुध्दि हनन हो जाए ।।
सबसे समानता कीजिए ।
भेद भाव गर्त में ले जाए ।।
सब ईश्वर की संतान हैं ।
मानव मानव सब समान है ।।
आओ प्रेम स्नेह बढ़ाए ।
नफरत को दूर भगाए ।।