*आओ पूजें वृक्ष-वट, करता पर-उपकार (कुंडलिया)*
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/563444721aaf65bb4fbb650c1c3b4c71_4bb2423a9e1f2661c1d134d07d93d935_600.jpg)
आओ पूजें वृक्ष-वट, करता पर-उपकार (कुंडलिया)
_________________________
आओ पूजें वृक्ष-वट, करता पर-उपकार
दूषित सोख समीर को, पर्यावरण-सुधार
पर्यावरण-सुधार, सभी को जीवन-दाता
सत्यवान के प्राण, यही वट है लौटाता
कहते रवि कविराय, कीर्ति सावित्री गाओ
छिपा हुआ विज्ञान, दृष्टि में लेकर आओ
———————————–
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451