*आओ पूजें वृक्ष-वट, करता पर-उपकार (कुंडलिया)*
आओ पूजें वृक्ष-वट, करता पर-उपकार (कुंडलिया)
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आओ पूजें वृक्ष-वट, करता पर-उपकार
दूषित सोख समीर को, पर्यावरण-सुधार
पर्यावरण-सुधार, सभी को जीवन-दाता
सत्यवान के प्राण, यही वट है लौटाता
कहते रवि कविराय, कीर्ति सावित्री गाओ
छिपा हुआ विज्ञान, दृष्टि में लेकर आओ
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451