आओ नई दुनिया बसाते हैं
क्यों दुख मनाते हो बीती बातों पर
आओ मिलकर नई दुनिया बसाते हैं
जो पढ़ा है कहानियों में हमने
वो सब उस दुनिया में तुमको दिखाते हैं
लगते हैं अपने प्यारे सबको
चलो कुछ गैरों को भी अपना बनाते हैं
रहते हैं आंसू जिन आंखों में
उन आंखों में एक नई उम्मीद जगाते हैं
रहते हैं जो खुले आसमान के नीचे
उन्हें एक अदद घर दिलाते हैं
तड़प रहे भूख प्यास से जो उनके बच्चे
उन्हें दूध और भोजन दिलाते हैं
अपने लिए तो सभी करते हैं
आओ, दूसरों के लिए कुछ करते हैं
करना चाहते हैं जो बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी
उनके लिए शिक्षा का प्रबंध करते हैं
कोई भी चेहरा उदास अच्छा नहीं लगता
चलो उसको थोड़ी खुशी देने की कोशिश करते हैं
हो गया बहुत ये पतझड़ का मौसम
चलो अब बसंत को लाने की कोशिश करते हैं
छोड़ दो यूं दुखी हो जाना, बात बात पर
आओ, मिलकर खुशी मनाते हैं
क्या हुआ जो एक रास्ता बंद हो गया
मिलकर अपने लिए नई राह बनाते हैं।