Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2022 · 1 min read

आओ नई दुनिया बसाते हैं

क्यों दुख मनाते हो बीती बातों पर
आओ मिलकर नई दुनिया बसाते हैं
जो पढ़ा है कहानियों में हमने
वो सब उस दुनिया में तुमको दिखाते हैं

लगते हैं अपने प्यारे सबको
चलो कुछ गैरों को भी अपना बनाते हैं
रहते हैं आंसू जिन आंखों में
उन आंखों में एक नई उम्मीद जगाते हैं

रहते हैं जो खुले आसमान के नीचे
उन्हें एक अदद घर दिलाते हैं
तड़प रहे भूख प्यास से जो उनके बच्चे
उन्हें दूध और भोजन दिलाते हैं

अपने लिए तो सभी करते हैं
आओ, दूसरों के लिए कुछ करते हैं
करना चाहते हैं जो बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी
उनके लिए शिक्षा का प्रबंध करते हैं

कोई भी चेहरा उदास अच्छा नहीं लगता
चलो उसको थोड़ी खुशी देने की कोशिश करते हैं
हो गया बहुत ये पतझड़ का मौसम
चलो अब बसंत को लाने की कोशिश करते हैं

छोड़ दो यूं दुखी हो जाना, बात बात पर
आओ, मिलकर खुशी मनाते हैं
क्या हुआ जो एक रास्ता बंद हो गया
मिलकर अपने लिए नई राह बनाते हैं।

Language: Hindi
12 Likes · 2 Comments · 349 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
View all

You may also like these posts

गद्य के संदर्भ में क्या छिपा है
गद्य के संदर्भ में क्या छिपा है
Shweta Soni
3712.💐 *पूर्णिका* 💐
3712.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
सम्मानार्थ प्रविष्ठियां आमंत्रित हैं
Mukesh Kumar Rishi Verma
बसंत आयो रे
बसंत आयो रे
Seema gupta,Alwar
मुक्तक
मुक्तक
sushil sarna
"मैं तुम्हारा रहा"
Lohit Tamta
आओ मिलकर नया साल मनाये*
आओ मिलकर नया साल मनाये*
Naushaba Suriya
मेरा भारत
मेरा भारत
Uttirna Dhar
फ़ेसबुक पर पिता दिवस / मुसाफ़िर बैठा
फ़ेसबुक पर पिता दिवस / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
दुख हरयो दुखभंजणी, सेवक करी सहाय।
दुख हरयो दुखभंजणी, सेवक करी सहाय।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
जय कालरात्रि माता
जय कालरात्रि माता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
*रखो हमेशा इस दुनिया से, चलने की तैयारी (गीत)*
*रखो हमेशा इस दुनिया से, चलने की तैयारी (गीत)*
Ravi Prakash
अंधी पीसें कुत्ते खायें।
अंधी पीसें कुत्ते खायें।
Vishnu Prasad 'panchotiya'
तुझे बंदिशों में भी अपना राहगुज़र मान लिया,
तुझे बंदिशों में भी अपना राहगुज़र मान लिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
धमकी तुमने दे डाली
धमकी तुमने दे डाली
Shravan singh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
अर्जुन सा तू तीर रख, कुंती जैसी पीर।
अर्जुन सा तू तीर रख, कुंती जैसी पीर।
Suryakant Dwivedi
आज़ादी
आज़ादी
विजय कुमार नामदेव
सलवटें
सलवटें
Shally Vij
क्यों ना बेफिक्र होकर सोया जाएं.!!
क्यों ना बेफिक्र होकर सोया जाएं.!!
शेखर सिंह
सार्थक जीवन
सार्थक जीवन
Shyam Sundar Subramanian
हमदम साथी
हमदम साथी
डिजेन्द्र कुर्रे
अमीर घरों की गरीब औरतें
अमीर घरों की गरीब औरतें
Surinder blackpen
बह्र -212 212 212 212 अरकान-फ़ाईलुन फ़ाईलुन फ़ाईलुन फ़ाईलुन काफ़िया - आना रदीफ़ - पड़ा
बह्र -212 212 212 212 अरकान-फ़ाईलुन फ़ाईलुन फ़ाईलुन फ़ाईलुन काफ़िया - आना रदीफ़ - पड़ा
Neelam Sharma
तुम्हारे चेहरे की मुस्कान बता रही है
तुम्हारे चेहरे की मुस्कान बता रही है
डॉ. एकान्त नेगी
कभी-कभी आते जीवन में...
कभी-कभी आते जीवन में...
डॉ.सीमा अग्रवाल
राम नाम अतिसुंदर पथ है।
राम नाम अतिसुंदर पथ है।
Vijay kumar Pandey
लिवाज
लिवाज
उमेश बैरवा
I can’t be doing this again,
I can’t be doing this again,
पूर्वार्थ
😊आज का सच😊
😊आज का सच😊
*प्रणय*
Loading...