आओ चलो हम मुस्कुराए
चलो हम मिलकर खुशियां बांटे
है जीवन में गम बहुत पर खुशियां भी कहीं राह देखती
चलो उन गमों को कहीं भूल जाएं
खुशियों की एक चादर ओढ़े चेहरे पर एक नई मुस्कान लाए
चलो हम फिर मुस्कुराए
गम के इन बादलों को फट जाने दो
फिर खुशियों की बारिश को हो जाने दो
कितनी सी है यह जिंदगी क्यों ना खुशियों से बिताएं
आओ चलो हम फिर मुस्कुराए
ना रूठो तुम अपनों से संभाल लो इन रिश्तो को
यह मुश्किल दौर चल रहा है यहां तरसे अपनों को मिलने अपनों से
भूल कर सब गलतियों को चलो एक दूसरे का साथ निभाए
चलो फिर अपनों के लिए क्यों ना हम मुस्कुराए
चलो हम फिर मुस्कुराए
मुस्कुराहट ही चेहरे की चमक है मुस्कुराहट से ही लगते कम गम है
तेरी हर खुशियों के आगे हर गम दम तोड़ जाएं
फिर क्यों ना दुख को भुलाकर खुशियों को अपनाएं
चलो हम फिर मुस्कुराए
अपनी उस मुस्कान से एक नई छवि बनाए
चलो खुद मुस्कुराए और चारों और खुशियां फैलाएं
तेरे चेहरे की मुस्कुराहट देख किसी और के चेहरे पर मुस्कान आए
तो जीवन में वह पल कितना खूबसूरत बन जाए
आओ चलो हम मुस्कुराए और खुशियां फैलाएं
चलो हम फिर मुस्कुराए ।
** नीतू गुप्ता