आओ चले अब बुद्ध की ओर
आओ चले अब बुद्ध की ओर,
मैत्री भाव मिलता जिस ओर,
शांति दूत है बुद्ध विश्व के,
बुद्ध से है सबका कल्याण।
आओ चले अब बुद्ध की ओर,
जहाँ मिलता है सम्मान सबको,
समता समानता भाईचारा हर ओर,
बुद्ध से है मानवता की भोर।
आओ चले अब बुद्ध की ओर,
होना है जीवन जहाँ सफल जरूर,
कथा से जिनके मन तृप्त हुए,
बुद्ध से है मिला मुक्ति दुःख से।
रचनाकार
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।