आओ घर घर दीप जलाये –आर के रस्तोगी
आओ घर घर दीप जलाये |
कोरोना को देश से दूर भगाये ||
जब हर घर में प्रकाश होगा |
नई चेतना का आवास होगा ||
तिमिर का तो विनाश होगा |
आशा का आगमन ही होगा ||
निराशा का निर्गमन होगा |
हर घर घर एक विकास होगा ||
विकास से घर खुशाहाली आये |
आओ घर घर दीप जलाये ||
कोरोना को देश से दूर भगाये |
जब घरो में एक साथ दीप जलेगे |
ये देश की एकता के प्रतीक होगे ||
देश का सगठन मजबूत होगा |
इससे कोरोना का सामना होगा ||
तभी देश से इसका निष्कासन होगा |
फिर से आशा का दीप जलाये ||
आओ घर घर दीप जलाये |
कोरोना को देश से दूर भगाये ||
नो बजे हर घर में दीप जलाये|
इसे एक त्यौहार की तरह मनाये ||
त्योहारों से बढ़ता है मन में उल्लास |
इससे होता है काम करने साहस ||
साहस बढ़ेगा तो देश आगे बढ़ेगा |
विकास की और प्रशस्त करेगा ||
इस भावना का देश में संचार लाये |
आओ घर घर दीप जलाये |
कोरोना को देश से दूर भगाये ||
ये हमारे प्रिय प्रधान मंत्री की सोच |
इसको बढ़ाना है अब सबको निसंकोच ||
ऐसी सोच से ही देश का विकास होगा |
कोरोना से लड़ने का आभास होगा ||
अंत में हमारी विजय अवश्य होगी |
कोरोना की हार निशित रूप से होगी ||
आओ इस विजय का जश्न मनाये |
आओ घर घर दीप जलाये |
कोरोना को देश से दूर भगाये ||
आर के रस्तोगी
गुडगाँव
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