*”आओ एक लोरी सुनाऊँ”*
“आओ एक लोरी सुनाऊँ ”
प्यारी सी लाडली बेटी को ,बांहों का झूला झुलाऊँ।
सपनों की दुनिया में ले जाकर ,चाँद तारों की सैर कराऊँ।
रातों में जगाती कभी रोती ,कभी हँसती परी को एक लोरी सुनाऊँ।
आंखों में नींद नहीं तेरी सूरत निहारती,मैं सुध बुध खो जाऊँ।
तू ही मेरे जीने की तमन्ना ,तुझ पर वारी न्यारी बलिहारी जाऊँ।
मीठे सपने सजाये बांहों में ले ,थपकी देकर तुम्हें सुलाऊँ।
परियों के देश ले जाकर, चाँद तारों से तुझको मिलवाऊँ।
निंदिया जब आँखों में समाये ,हैरान हो खुश हो मैं हो जाऊँ।
दिव्य शक्ति का रूप बन आई हो ,शक्ति का वरदान मैं पा जाऊँ।
आओ एक लोरी सुनाऊँ।
शशिकला व्यास