आओ उस प्रभु के दर्शन कर लो।
आओ प्रभु के दर्शन कर लो,
उस अम्बर मे उजागर हुआ,
घने घन को चीरते हुए,
ओढ़े स्वेत कफन धरा है,
प्रकाश लालिमा से रंग कर,
मिटा दिया जो कोहरे का छत्र,
महिमा फैली चारो दिशा में,
कण कण में भर देता जीवन का धन,
हाथ जोड़ कर लो वंदन,
कृपा उसी की प्रकृति में सफल,
करुणा से उसके ही धरती है फलती,
मानव का नींद उसके दर्शन से खुलती,
उमंग ऊर्जा जीवन में भर देता,
अंधकार से मुक्त जो करता,
जीवन का मार्ग प्रशस्त है करता,
आओ उस प्रभु के दर्शन कर लो,
अम्बर में उजागर हुआ।
रचनाकार –
बुध्द प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर ।