*आए जब से राम हैं, चारों ओर वसंत (कुंडलिया)*
आए जब से राम हैं, चारों ओर वसंत (कुंडलिया)
_________________________
आए जब से राम हैं, चारों ओर वसंत
पूजन-वंदन चल रहे, प्रमुदित दिखते संत
प्रमुदित दिखते संत, सनातन भाव जगाया
प्रखर आत्म का बोध, सभी के मन में आया
कहते रवि कविराय, जगत ने प्रभु-गुण गाए
हुआ अयोध्या धन्य, तीर्थ में यात्री आए
————————————–
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451