Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Sep 2022 · 1 min read

आई लव यू / आई मिस यू

कुछ सुकूँ साँ मिला, आज ये शब्द पढ़कर दिल को
💝तसल्ली थोड़ी तो मिली, पर राहत ना मिला दिल को

बस हो गया अब,ना दिल लगेगा, ना लगाना किसी से
💝गम-ए-जुदाई मिला, पर चाहत ना मिला दिल को

कहे होंगे लाखो करोड़ो बार आई लव यू आई मिस यू
💝पर थोड़ा मलाल तो रहेगा हालत ना मिला दिल को

ख़ता हमसे ऐसी क्या हुई जो जुदा हमसे तुम हो गए
💝ख़्यालों में रहे तो आने का आहट ना मिला दिल को

रुसवाई,बेवफ़ाई हाँ क़ुबूल है इंतिजार तिरे लौटने का
💝हम गए वो ना आये इश्क-ए-दावत ना मिला दिल को

©® प्रेमयाद कुमार नवीन

336 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

याद रखना मुझे
याद रखना मुझे
Kanchan verma
2536.पूर्णिका
2536.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
नज़रों से नज़रें मिली जो
नज़रों से नज़रें मिली जो
Chitra Bisht
अनकहा ...
अनकहा ...
sushil sarna
हे माँ कुष्मांडा
हे माँ कुष्मांडा
रुपेश कुमार
जब टूटा था सपना
जब टूटा था सपना
Paras Nath Jha
अनुभूति
अनुभूति
डॉ.कुमार अनुभव
हमारे प्यारे दादा दादी
हमारे प्यारे दादा दादी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
करवाचौथ (कुंडलिया)
करवाचौथ (कुंडलिया)
गुमनाम 'बाबा'
सोच समझ कर वोलो वाणी रे
सोच समझ कर वोलो वाणी रे
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
खो गई लय
खो गई लय
Saraswati Bajpai
श्री कृष्ण भजन
श्री कृष्ण भजन
Khaimsingh Saini
मैंने एक दिन खुद से सवाल किया —
मैंने एक दिन खुद से सवाल किया —
SURYA PRAKASH SHARMA
मित्रता के मूल्यों को ना पहचान सके
मित्रता के मूल्यों को ना पहचान सके
DrLakshman Jha Parimal
मुंशी प्रेमचंद जी.....(को उनके जन्मदिन पर कोटि कोटि नमन)
मुंशी प्रेमचंद जी.....(को उनके जन्मदिन पर कोटि कोटि नमन)
Harminder Kaur
तिरंगे की व्यथा
तिरंगे की व्यथा
संजीवनी गुप्ता
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
पर्णकुटी केर दीपोत्सव
पर्णकुटी केर दीपोत्सव
श्रीहर्ष आचार्य
बाजार
बाजार
PRADYUMNA AROTHIYA
कई रंग दिखाती है ज़िंदगी हमें,
कई रंग दिखाती है ज़िंदगी हमें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैंने उसे मेरी जिंदगी का हिस्सा बनते देखा है।
मैंने उसे मेरी जिंदगी का हिस्सा बनते देखा है।
Kanchan Alok Malu
अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन का उद्देश्य - रविकेश झा
अध्यात्मिक दृष्टिकोण से जीवन का उद्देश्य - रविकेश झा
Ravikesh Jha
लोग बस दिखाते है यदि वो बस करते तो एक दिन वो खुद अपने मंज़िल
लोग बस दिखाते है यदि वो बस करते तो एक दिन वो खुद अपने मंज़िल
Rj Anand Prajapati
*दिल का दर्द*
*दिल का दर्द*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
" सवाल "
Dr. Kishan tandon kranti
पैसे कमाने के लिए लोग नीचे तक गिर जाते हैं,
पैसे कमाने के लिए लोग नीचे तक गिर जाते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
जिंदगी
जिंदगी
Adha Deshwal
बैरागी
बैरागी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
डॉ. राकेशगुप्त की साधारणीकरण सम्बन्धी मान्यताओं के आलोक में आत्मीयकरण
डॉ. राकेशगुप्त की साधारणीकरण सम्बन्धी मान्यताओं के आलोक में आत्मीयकरण
कवि रमेशराज
सभी सत्य
सभी सत्य
Rajesh Kumar Kaurav
Loading...