आई रे होली…
आई रे होली …
देखो रे देखो आई रे होली
रंगों में डूबी है यारों की टोली
लगा रहे सब एक-दूजे को रंग
भाभी भी खेल रहीं है भैया के संग
किसी को लगा है हरा रंग
तो किसी को लगा है गुलाबी
अपने छोटे देवर को
रंग लगा रही है भाभी
पिचकारी से निकल रही है रंगों की गोली
देखो रे देखो आई रे होली
होली के गीतों पर झूम रही
बच्चे-बूढ़ो की टोली
मिलकर सब कर रहे है
खूब हंसी ठिठोली
पिचकारी से छूट रही है रंगों की गोली
देखो रे देखो आई रे होली
आज आसमान भी रंग गया है
होली के रंग में
दुश्मन भी नजर आ रहे
एक-दूसरे के संग में
राह से गुजरने वालों को भी लगा रहे रंग
सब मस्ती कर रहे है दोस्तों के संग
मस्ती में झूम रही है बच्चो की टोली
पिचकारी से निकल रही है रंगों की गोली
देखो रे देखो आई रे होली ….
पियुष राज,दुमका ,झारखण्ड ।
उम्र-17 साल
(कविता-49) 05/03/2017
संपर्क–9771692835