आई बरसा रानी। ।
देखो मां देखो।
कैसे अम्बर में घटाये छाई।।
कैसी बादल ने मोती सी बूदे बिछाई।
एक बूद बस एक बूद। ।
टप टप कर गिर रही।
मां अब तो बाहर आओ।।
देखो अम्बर राजा ने।
बरसा रानी से झिल मिल कर।।
झर झर बूदे गिराई।
सूरज चाचा नजर न आये।।
जाने ये कहाॅ गये।
देखो इस लताओ को।।
कैसे झरने से लहराये।
बूदे बरसा रानी की।।
मोती बनकर धरा पर छाई।
फिके फिके से सूरज चाचू। ।
अम्बर के बीच नजर आए।
मानो घन घोर अंधेरे में। ।
दीपक की किरणे भाये।
देखो कैसे ये कण कण नम करती।
मानो धरती के हदय में शीतलता भरती।।
अब बरसा रानी आई।
हर तरफ खुशिया छाई।।
हरियाली अब तो आई।
अब तो खोलो मां गेट।।
इस प्राकृति नजारे को देख।
अब बरसा रानी के गुण गाये।।
आई अब खुशिया आई।
बरसा रानी बरसा रानी। ।
आई अब तो आई।।