Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Oct 2024 · 1 min read

*आई करवा चौथ है, लाई शुभ संदेश (कुंडलिया)*

आई करवा चौथ है, लाई शुभ संदेश (कुंडलिया)
➖➖➖➖➖➖➖➖
आई करवा चौथ है, लाई शुभ संदेश
नेह सभी के मन बसे, दीखे कहीं न क्लेश
दीखे कहीं न क्लेश, शांति पति-पत्नी पाऍं
करें परस्पर प्रेम, एक दूजे को गाऍं
कहते रवि कविराय, सुधा नभ ने बरसाई
चलो निहारें चंद्र, रात्रि मादक है आई
➖➖➖➖➖➖➖➖
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

73 Views
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

पति-पत्नी के बीच में,
पति-पत्नी के बीच में,
sushil sarna
जागरूकता के साथ शुद्धि के तरफ कैसे बढ़े। ~ रविकेश झा ।
जागरूकता के साथ शुद्धि के तरफ कैसे बढ़े। ~ रविकेश झा ।
Ravikesh Jha
"अमीर"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रेम की कहानी
प्रेम की कहानी
इंजी. संजय श्रीवास्तव
कमाल लोग होते हैं वो
कमाल लोग होते हैं वो
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दो जून की रोटी
दो जून की रोटी
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
मुकादमा चल रहा है अब मेरा
मुकादमा चल रहा है अब मेरा
shabina. Naaz
बुड़बक बेटा आज्ञाकारी।
बुड़बक बेटा आज्ञाकारी।
Acharya Rama Nand Mandal
हिंदी दोहे - सभा (दोहाकार- राजीव नामदेव राना लिधौरी)
हिंदी दोहे - सभा (दोहाकार- राजीव नामदेव राना लिधौरी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
#अभिनंदन-
#अभिनंदन-
*प्रणय*
आजकल का प्राणी कितना विचित्र है,
आजकल का प्राणी कितना विचित्र है,
Divya kumari
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कलम का कमाल
कलम का कमाल
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
ग़म
ग़म
Harminder Kaur
रूहानी मोहब्बत
रूहानी मोहब्बत
Shakuntla Shaku
आगाज़
आगाज़
Vivek saswat Shukla
*लोग सारी जिंदगी, बीमारियॉं ढोते रहे (हिंदी गजल)*
*लोग सारी जिंदगी, बीमारियॉं ढोते रहे (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
बाल कविता: वर्षा ऋतु
बाल कविता: वर्षा ऋतु
Rajesh Kumar Arjun
और तुम कहते हो मुझसे
और तुम कहते हो मुझसे
gurudeenverma198
शीर्षक – ऐ बहती हवाएं
शीर्षक – ऐ बहती हवाएं
Sonam Puneet Dubey
*शिक्षक जुगनू बन जाते हैँ*
*शिक्षक जुगनू बन जाते हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
ତାଙ୍କଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान ।
बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान ।
Vindhya Prakash Mishra
मैं जाटव हूं और अपने समाज और जाटवो का समर्थक हूं किसी अन्य स
मैं जाटव हूं और अपने समाज और जाटवो का समर्थक हूं किसी अन्य स
शेखर सिंह
तुम्हारे नफरत ने मुझे
तुम्हारे नफरत ने मुझे
goutam shaw
वही जो इश्क के अल्फाज़ ना समझ पाया
वही जो इश्क के अल्फाज़ ना समझ पाया
Shweta Soni
दोहा
दोहा
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
4701.*पूर्णिका*
4701.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मन की आंखें
मन की आंखें
Mahender Singh
राम का राज्य पुनः देश में लाने के लिए
राम का राज्य पुनः देश में लाने के लिए
आकाश महेशपुरी
Loading...