आईना
आईने से फुर्सत हो तो दुनिया देखे ,
हुस्न मशरूफ़ है तो और क्या देखे ।
आईने से भी सौ सवाल करता है।
वो बड़ी मुश्किल से एतबार करता है ।
आईना मुझसे ये पूछता है अब ,
तुम्हें मुझसे और क्या चाहिये अब ।
आईने से फुर्सत हो तो दुनिया देखे ,
हुस्न मशरूफ़ है तो और क्या देखे ।
आईने से भी सौ सवाल करता है।
वो बड़ी मुश्किल से एतबार करता है ।
आईना मुझसे ये पूछता है अब ,
तुम्हें मुझसे और क्या चाहिये अब ।