आईना
खामोशी से ‘वो’ कह गया अलविदा
मशहूर थी जिसकी बोलने की अदा ।
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लोकतंत्र को हमें बचाना होगा
चुनाव हर हाल में कराना होगा।
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इतना तो चैनलों पे छाया कोई मुद्दा नहीं
क्या इससे पहले कोई शख्स मरा नहीं ।
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आपने कुछ भी लिखा तो ,वाह !क्या बात है
लिखा मैंने जब हक़ीक़त तो बोले वाहियात है ।
क्या सच्चाइयों को उजागर करना है गुनाह
फ़िर भला क्या ‘सत्यमेव जयते’ की औकात है ।
-अजय प्रसाद