आईना देखूं।
तुमको देखूं तो मैं आईना देखूं,
चेहरा आँखों मे मैं अपना देखूं।
सारी खुशियाँ तुम्हारे कब्जे में,
हर घड़ी चेहरा मैं हस्ता देखूं।
आसमां हो कि धरती हो तुम,
जब भी देखूं तुम्हे भरा देखूं।
तुम्हारी हाथों में क्या खुशबू हैं,
पूरे घर को मैं महकता देखूं।
बातों-बातों में बात बना ली सारी,
तुम्हारी बातों में मधुरता देखूं।
निखर जाये चाक तुम्हारे छूने से,
तुम्हारे हाथों की कोमलता देखूं।
सब कुछ देखा बस खुदा न मिला,
तुमको देखूं तो मैं खुदा देखूं।
Rishikant Rao Shikhare
04-07-2019