Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Feb 2018 · 1 min read

आईना और तुम

आईना और तुम
¤ दिनेश एल० “जैहिंद”

आईने में खुद को निहार लो
और मुस्कुरा लो ।
फिर तुम खुद को सिंगार दो
और क्षुधा बुझा लो ।।
मगर आईना तो आईना है
ये तुम्हारी खूबसूरती ही बताएगा
तुम्हारे चरित्र को नहीं ।

तुम जरा अपने दिल में झाँको
और अपने चरित्र को देखो ।
तुम्हारा तन मैला,
मन मटमैला है
मस्तिष्क में गंदगी,
विचार कँटैला है ।।
फिर ये आईना क्या करेगा
वही कहेगा जो उसे दिखेगा ।

उसे सिर्फ़ बहिर्मुख दिखता है
क्योंकि वह तो बहिर्गामी है ।
वह कभी अंतर्यामी नहीं हो सकता
क्योंकि ऊपर वाले के सिवा
इस जग में कोई अंतर्यामी नहीं है ।

===≈≈≈≈≈≈≈====
दिनेश एल० “जैहिंद”
19. 06. 2017

Language: Hindi
436 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जीवन का रंगमंच
जीवन का रंगमंच
Harish Chandra Pande
कविता
कविता
Rambali Mishra
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
झुका के सर, खुदा की दर, तड़प के रो दिया मैने
Kumar lalit
किशोरावस्था : एक चिंतन
किशोरावस्था : एक चिंतन
Shyam Sundar Subramanian
विश्वकप-2023
विश्वकप-2023
World Cup-2023 Top story (विश्वकप-2023, भारत)
*कांच से अल्फाज़* पर समीक्षा *श्रीधर* जी द्वारा समीक्षा
*कांच से अल्फाज़* पर समीक्षा *श्रीधर* जी द्वारा समीक्षा
Surinder blackpen
वाक़िफ न हो सके हम
वाक़िफ न हो सके हम
Dr fauzia Naseem shad
मौत से यारो किसकी यारी है
मौत से यारो किसकी यारी है
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मैं होता डी एम
मैं होता डी एम"
Satish Srijan
"दहलीज"
Ekta chitrangini
नव प्रबुद्ध भारती
नव प्रबुद्ध भारती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
"चाँद को शिकायत" संकलित
Radhakishan R. Mundhra
"दिल बेकरार रहेगा"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
~रेत की आत्मकथा ~
~रेत की आत्मकथा ~
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
गुमनाम ज़िन्दगी
गुमनाम ज़िन्दगी
Santosh Shrivastava
माँ की करते हम भक्ति,  माँ कि शक्ति अपार
माँ की करते हम भक्ति, माँ कि शक्ति अपार
Anil chobisa
*बदलता_है_समय_एहसास_और_नजरिया*
*बदलता_है_समय_एहसास_और_नजरिया*
sudhir kumar
इश्क का तोता
इश्क का तोता
Neelam Sharma
जिंदगी के रंगमंच में हम सभी अकेले हैं।
जिंदगी के रंगमंच में हम सभी अकेले हैं।
Neeraj Agarwal
दासी
दासी
Bodhisatva kastooriya
তুমি এলে না
তুমি এলে না
goutam shaw
जीवन के रंगो संग घुल मिल जाए,
जीवन के रंगो संग घुल मिल जाए,
Shashi kala vyas
लगाव का चिराग बुझता नहीं
लगाव का चिराग बुझता नहीं
Seema gupta,Alwar
मौत आने के बाद नहीं खुलती वह आंख जो जिंदा में रोती है
मौत आने के बाद नहीं खुलती वह आंख जो जिंदा में रोती है
Anand.sharma
विजयनगरम के महाराजकुमार
विजयनगरम के महाराजकुमार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कभी भ्रम में मत जाना।
कभी भ्रम में मत जाना।
surenderpal vaidya
*चंद्रशेखर आजाद* *(कुंडलिया)*
*चंद्रशेखर आजाद* *(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कभी एक तलाश मेरी खुद को पाने की।
कभी एक तलाश मेरी खुद को पाने की।
Manisha Manjari
💐प्रेम कौतुक-426💐
💐प्रेम कौतुक-426💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...