आइये हम ये विचार करें
आइये हम ये विचार करें , क्यों हम मनुज श्रेष्ठ कहलाये
क्यों भूले उदेश्य जन्म के, शिवांश हम भू पर क्यों आये ,
परम सत्ता से पृथक हुए हम, ज्ञान प्रकाश का दीप जलाएं
भटक गया जो लक्ष्य से अपने, उसको पुनः अब राह दिखाएं
जो है सर्वशक्तिमान सृष्टि में, उसके नियम समझें समझाएं
गति काल संहार ये शिव का, शाश्वत सनातन सत्य जगाएं
कर्मों में किया विभाजित, ब्रह्म को जाने ब्राह्मण कहलायें
एक ही तन में वर्ण सभी , आओ सत्य जन-जन पहुंचाएं
युगों बाद लगता हम जागे, शंखनाद ये जय जय गाये
हम हैं अजय सदाशिव साधक , शक्ति को आहूत करायें
आदिशक्ति, कृष्ण, राम, आराधक, कैलाशा के मंजुल गाएँ
मंगल गान करें विजय का, विश्व बंधुत्व के शंख बजाएं
शिवा राणा परशुराम अहिल्या, गार्गी, दुर्गा, लक्ष्मी, पायें
करें सम्मान राष्ट्र प्रहरी का , जय जय जय भारत फिर गायें
उद्घोष अध्यात्म का हुआ विश्व में, अब अपने अंतस को भी जगाएं
सजाएं संस्कृतियों से आगन फिर , आरती माँ भारती की अब गायें