Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2017 · 2 min read

आइना हूं मैं तेरा…….

आईना

सुन, मेरी जाने वफ़ा,आइना हूं मै तेरा।
क्यों तू मुझसे है ख़फा,आइना हूं मै तेरा।
माना नाजुक हूं ज़रा,आइना हूं मै तेरा।
देखी हर तेरी अदा,आइना हूं मै तेरा।
न तू दे मुझको सज़ा,आइना हूं मै तेरा।
आ करीब दूर न जा,आइना हूं मै तेरा।
देखा हर रूप तेरा,आइना हूं मै तेरा।

मैंने,मासूम बचपन तेरा मुस्कराते है देखा,
आइना हूं मै तेरा।
तेरीअठखेलियों पर पैरों को थिरकते है देखा,
आइना हूं मै तेरा।
तेरी जीस्त के हर पल को करीब स हैे देखा,
आइना हूं मैं तेरा।

मैंने हर इक शख्स को मुस्कराते है देखा,
आइना हूं मै तेरा।
तेरे बचपन को जवानी की दहलीज़ चढते है देखा,
आइना हूं मै तेरा।
हर जवां के चेहरे पर इश्क की लकीरों को मचलते है देखा, आइना हूं मै तेरा।
मैंने तुम्हें छुप छुपकर मुस्कराकर नज़रे चुराते है देखा,
आइना हूं मै तेरा।
आँखों में जुदाई के आंसुओ को लरजते है देखा,
आइना हूं मै तेरा।
दुल्हन बनते सजते और संवरते है देखा,आइना हूं मै तेरा।
पिया के आने की आहट से शरमाते और सिमटते है देखा
आइना हूं मै तेरा।
उम्र के निशानों को चेहरे पर चमकते है देखा,
आइना हूं मै तेरा।
उम्रदराज़ हाथों को निशानों पर उंगलिया फिराते है देखा,
आइना हूं मैं तेरा।
मैंने हर चेहरे पर सोच का समंदर लहराते है देखा,
आइना हूं मैं तेरा।
समंदर की गहराई में कदम डगमगाते है देखा,आइना हूं मैं तेरा।
मैंने तुम्हें जीत पर मुस्कराते और हार पर रोते है देखा,
आइना हूं मैं तेरा।
झूठ पर कसमसाते और सच पर खिलखिलाते भी देखा,
आइना हूं मैं तेरा।
मैंने सबको सपनों की उडान भरते ,गम में नीचे गिरते है देखा,आइना हूं मै तेरा।
सब खुशियों और दर्द भरी बातों को बतियाते है देखा,
आइना हूं मै तेरा।

नीलम शर्मा

Language: Hindi
297 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वैष्णों भोजन खाइए,
वैष्णों भोजन खाइए,
Satish Srijan
इश्क़ में भी हैं बहुत, खा़र से डर लगता है।
इश्क़ में भी हैं बहुत, खा़र से डर लगता है।
सत्य कुमार प्रेमी
“बेवफा तेरी दिल्लगी की दवा नही मिलती”
“बेवफा तेरी दिल्लगी की दवा नही मिलती”
Basant Bhagawan Roy
स्वाभिमान
स्वाभिमान
Shyam Sundar Subramanian
भ्रम नेता का
भ्रम नेता का
Sanjay ' शून्य'
हीर मात्रिक छंद
हीर मात्रिक छंद
Subhash Singhai
धरती पर स्वर्ग
धरती पर स्वर्ग
Dr. Pradeep Kumar Sharma
पेड़
पेड़
Kanchan Khanna
नींद कि नजर
नींद कि नजर
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"Hope is the spark that ignites the fire of possibility, and
Manisha Manjari
हथेली पर जो
हथेली पर जो
लक्ष्मी सिंह
प्यार के
प्यार के
हिमांशु Kulshrestha
किसी के दर्द
किसी के दर्द
Dr fauzia Naseem shad
चोट शब्दों की ना सही जाए
चोट शब्दों की ना सही जाए
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
■ आज का विचार-
■ आज का विचार-
*Author प्रणय प्रभात*
इल्जाम
इल्जाम
Vandna thakur
हाँ ये सच है
हाँ ये सच है
Dr. Man Mohan Krishna
बेचारे हाथी दादा (बाल कविता)
बेचारे हाथी दादा (बाल कविता)
Ravi Prakash
मउगी चला देले कुछउ उठा के
मउगी चला देले कुछउ उठा के
आकाश महेशपुरी
तुम मन मंदिर में आ जाना
तुम मन मंदिर में आ जाना
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"बदलते रसरंग"
Dr. Kishan tandon kranti
3267.*पूर्णिका*
3267.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कविता
कविता
Rambali Mishra
*ढूंढ लूँगा सखी*
*ढूंढ लूँगा सखी*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नहीं खुलती हैं उसकी खिड़कियाँ अब
नहीं खुलती हैं उसकी खिड़कियाँ अब
Shweta Soni
‘ विरोधरस ‘---10. || विरोधरस के सात्विक अनुभाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---10. || विरोधरस के सात्विक अनुभाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
संजय कुमार संजू
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
धनतेरस के अवसर पर ,
धनतेरस के अवसर पर ,
Yogendra Chaturwedi
.
.
Ragini Kumari
Loading...