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13 Oct 2020 · 1 min read

आइना बन के वो किरदार निभाया हम ने

की शिकायत भी नहीं और न शिकवा हम ने
आइना बन के वो किरदार निभाया हम ने

एक मंज़िल है, हमें साथ में चलना है सदा
आप भी देख लो जो ख़्वाब सजाया हम ने

एक ही बार जो पूछा है मुहब्बत क्या हमें
फ़िर यकीं उनको बहुत बार दिलाया हम ने

ढूंढते आपको , घूमे हैं ज़माने भर में
इस तरह घूम के पर देख ली दुनिया हम ने

आंसुओं से भी कभी ख़ून से सींचा इनको
प्यार के फूलों को हर हाल खिलाया हम ने

आंधियां वक़्त की आकर न बुझा दें इनको
यूं मुहब्बत के चराग़ों को जलाया हम ने

झूठ इल्ज़ाम ज़माने ने लगाये हम पर
जबकि ‘आनन्द’ किसी को न सताया हम ने

– डॉ आनन्द किशोर

1 Like · 1 Comment · 256 Views
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