आंसूओ को इस तरह से पी गए हम
आंसुओं को इस तरह से पी गए हम
बात ये भी सच है,मर के जी गए हम।।
चाहता है दिल नज़र से बात तो हो
चुप रहे वो ऐसे कि लब सी गए हम।।
सोचते थे प्यार में कुछ तो अलग हो
दिल को जो डर था वहां आ ही गए हम।।
ज़ख्म कोई दे गया तो कोई उतरन
टूट के फिर धीरे-धीरे जी गए हम।।
आसमां ने पूछा कि सब ठीक तो है
जो मिला सब , होले होलेेे पी गए हम।।
नितु साह
हुसेना बंगरा,सीवान-बिहार