“आंसूओं की बरसात को मैं
“आंसूओं की बरसात को मैं
रोक तक नहीं पाई ll
तुम्हें सोचने के अलावा कुछ
सोच तक नहीं पाई ll
मेरे और तुम्हारे इश्क में
बस यही अंतर है,
मैं ज़ख्मी हो गयी और
तुम्हें खरोंच तक नहीं पाई ll”
“आंसूओं की बरसात को मैं
रोक तक नहीं पाई ll
तुम्हें सोचने के अलावा कुछ
सोच तक नहीं पाई ll
मेरे और तुम्हारे इश्क में
बस यही अंतर है,
मैं ज़ख्मी हो गयी और
तुम्हें खरोंच तक नहीं पाई ll”