आंगन
आसमान से बरसे हैं घन
पुलकित होता मेरा तन-मन
जबसे बारिश नाची आकर
हरा-भरा है मेरा आँगन
वर्षा-सावन अच्छे लगते
कब भाता आँखों का सावन
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा
आसमान से बरसे हैं घन
पुलकित होता मेरा तन-मन
जबसे बारिश नाची आकर
हरा-भरा है मेरा आँगन
वर्षा-सावन अच्छे लगते
कब भाता आँखों का सावन
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा