Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 May 2024 · 1 min read

आंखों में हया, होठों पर मुस्कान,

आंखों में हया, होठों पर मुस्कान,
माथे पर बिंदी और लिबास साड़ी हो,
इसी को सादगी का बेहतरीन प्रदर्शन कहते हैं

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

52 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*** रेत समंदर के....!!! ***
*** रेत समंदर के....!!! ***
VEDANTA PATEL
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आज के लिए जिऊँ लक्ष्य ये नहीं मेरा।
आज के लिए जिऊँ लक्ष्य ये नहीं मेरा।
संतोष बरमैया जय
वरदान है बेटी💐
वरदान है बेटी💐
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
क़यामत ही आई वो आकर मिला है
क़यामत ही आई वो आकर मिला है
Shweta Soni
रोटी से फूले नहीं, मानव हो या मूस
रोटी से फूले नहीं, मानव हो या मूस
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
भाई
भाई
Kanchan verma
मृदा मात्र गुबार नहीं हूँ
मृदा मात्र गुबार नहीं हूँ
AJAY AMITABH SUMAN
प्रकृति का अनुपम उपहार है जीवन
प्रकृति का अनुपम उपहार है जीवन
इंजी. संजय श्रीवास्तव
नारी सम्मान
नारी सम्मान
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
"स्याह रात मैं उनके खयालों की रोशनी है"
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
"दरपन"
Dr. Kishan tandon kranti
रसीले आम
रसीले आम
नूरफातिमा खातून नूरी
खुशी -उदासी
खुशी -उदासी
SATPAL CHAUHAN
शीर्षक – वेदना फूलों की
शीर्षक – वेदना फूलों की
Sonam Puneet Dubey
कोई गुरबत
कोई गुरबत
Dr fauzia Naseem shad
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
जल प्रदूषण पर कविता
जल प्रदूषण पर कविता
कवि अनिल कुमार पँचोली
राखी का कर्ज
राखी का कर्ज
Mukesh Kumar Sonkar
अपनों में कभी कोई दूरी नहीं होती।
अपनों में कभी कोई दूरी नहीं होती।
लोकनाथ ताण्डेय ''मधुर''
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*प्रणय प्रभात*
सिर्फ़ सवालों तक ही
सिर्फ़ सवालों तक ही
पूर्वार्थ
मोहब्बत से जिए जाना ज़रूरी है ज़माने में
मोहब्बत से जिए जाना ज़रूरी है ज़माने में
Johnny Ahmed 'क़ैस'
*काल क्रिया*
*काल क्रिया*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सत्य पर चलना बड़ा कठिन है
सत्य पर चलना बड़ा कठिन है
Udaya Narayan Singh
वर्णिक छंद में तेवरी
वर्णिक छंद में तेवरी
कवि रमेशराज
अरे सुन तो तेरे हर सवाल का जवाब हूॅ॑ मैं
अरे सुन तो तेरे हर सवाल का जवाब हूॅ॑ मैं
VINOD CHAUHAN
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कवि दीपक बवेजा
Loading...