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17 Dec 2024 · 1 min read

आंखों में मुस्कान बसी है

आंखों में मुस्कान बसी है
होंठों पर हंसी है,
याद करके दिन बीत जाता
कहीं न कहीं तेरी कमी है,
अभी यादों की नमी है
यह कवि मन का रवि है
भावों से मचलते शब्द
कविता वहीं रमी है।
-सीमा गुप्ता

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