आंखों में मुस्कान बसी है
आंखों में मुस्कान बसी है
होंठों पर हंसी है,
याद करके दिन बीत जाता
कहीं न कहीं तेरी कमी है,
अभी यादों की नमी है
यह कवि मन का रवि है
भावों से मचलते शब्द
कविता वहीं रमी है।
-सीमा गुप्ता
आंखों में मुस्कान बसी है
होंठों पर हंसी है,
याद करके दिन बीत जाता
कहीं न कहीं तेरी कमी है,
अभी यादों की नमी है
यह कवि मन का रवि है
भावों से मचलते शब्द
कविता वहीं रमी है।
-सीमा गुप्ता