आंखों में बरसात हुई
आंखों से बरसात हुई
मात्रा भाग 16/ 14
घिरे गगन में काले बादल,
क्यों मन में हरारत हुई।
टूटा दिल का टुकड़ा -टुकड़ा ,
आंखों में बरसात हुई।
मीठे बोल पपीहा बोले ,
दिल में जैसे चुभे सुई।
सुहाग मेरा है सीमा पर,
याद में आंखें नम हुई।
ले संदेश काली बदरिया,
आस दिला के गई हुई।
जलाती फुहारे सावन की,
तपन विरह की जगी हुई।
तरुवर- तरुवर बेला झूमे,
नदियां भी गतिमान हुई।
मेरा साजन दूर परदेस,
सांसे भी अपमान हुई।
ललिता कश्यप जिला बिलासपुर हिमाचल प्रदेश