Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Aug 2022 · 1 min read

आंखें खोलो

ये सियासत का मज़हब
वो मज़हब की सियासत!
सब इंसानी जज़्बात की
निहायत गंदी तिजारत!!
जरा आंखें तो खोलो
कहीं नीलाम हो न जाए!
अमानत अम्बेडकर की
भगतसिंह की विरासत!!
#दलित_फाइल्स #राजस्थान_पुलिस
#JusticeForIndraMeghwal #हक़

Language: Hindi
72 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

गम हमें होगा बहुत
गम हमें होगा बहुत
VINOD CHAUHAN
ग़ज़ल(गुलाबों से तितली करे प्यार छत पर —)————————–
ग़ज़ल(गुलाबों से तितली करे प्यार छत पर —)————————–
डॉक्टर रागिनी
विदाई गीत
विदाई गीत
Dr Archana Gupta
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।
सत्ता को भूखे बच्चों की याद दिलाने आया हूं।
Abhishek Soni
💐💞💐
💐💞💐
शेखर सिंह
छपास रोग की खुजलम खुजलई
छपास रोग की खुजलम खुजलई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जय गणेश देवा
जय गणेश देवा
Santosh kumar Miri
"इन्तेहा" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
गॉड पार्टिकल
गॉड पार्टिकल
Girija Arora
हॉर्न ज़रा धीरे बजा रे पगले ....देश अभी भी सोया है*
हॉर्न ज़रा धीरे बजा रे पगले ....देश अभी भी सोया है*
Atul "Krishn"
एश्वर्य
एश्वर्य
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
मां ! कहां हो तुम?
मां ! कहां हो तुम?
Ghanshyam Poddar
"आशा की नदी"
Dr. Kishan tandon kranti
जब प्रेम की परिणति में
जब प्रेम की परिणति में
Shweta Soni
धमकियाँ देना काम है उनका,
धमकियाँ देना काम है उनका,
Dr. Man Mohan Krishna
युवा शक्ति
युवा शक्ति
संजय कुमार संजू
ग़ज़ल __गुलज़ार देश अपना, त्योहार का मज़ा भी ,
ग़ज़ल __गुलज़ार देश अपना, त्योहार का मज़ा भी ,
Neelofar Khan
रवींद्र नाथ टैगोर
रवींद्र नाथ टैगोर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
*धन्य डॉ. मनोज रस्तोगी (कुंडलिया)*
*धन्य डॉ. मनोज रस्तोगी (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
మువ్వగోపాల మురళీధరాయ..
మువ్వగోపాల మురళీధరాయ..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
मन की इच्छा
मन की इच्छा
अवध किशोर 'अवधू'
क्यूँ है..
क्यूँ है..
Vivek Pandey
मै घट हूँ घटनाओ का
मै घट हूँ घटनाओ का
C S Santoshi
राजनीति गर्त की ओर
राजनीति गर्त की ओर
Khajan Singh Nain
रात का रक्स जारी है
रात का रक्स जारी है
हिमांशु Kulshrestha
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Sonu sugandh
2614.पूर्णिका
2614.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हिंदी क्या है
हिंदी क्या है
Ravi Shukla
जब  फ़ज़ाओं  में  कोई  ग़म  घोलता है
जब फ़ज़ाओं में कोई ग़म घोलता है
प्रदीप माहिर
चलो चलाए रेल।
चलो चलाए रेल।
Vedha Singh
Loading...