आँसू
आँसू:
हर आंसू एक दास्तान होती है-
दास्तान क्या
बह्मांड की कथा कहती हैं
मन की व्यथा
तन की वेदना
मन का रुदन
क्या नहीं
द्रौपदी के आँसू
कृष्ण की भावना,
अनुराग करुणा
सभी तो भिगो गए
और वे आँस्
महाभारत रच गए ।
वो भी ऑंसू ही था
सावित्री का
जो दृढ़ निश्चय और
धर्म की मर्यादा की शक्ति से
सत्यवान को यमराज से
लौटा कर
स्त्री धर्म सम्मान को
इतिहास के गलियारों में
गुंजा दिया.
और वो भी ऑसू ही था
सत्यवती का
जिसने भीष्म को
आजीवन ब्रह्मचर्य धर्म
पालन के लिए
मजबूर कर दिया ।
आँसू की शक्ति
आँसू की अभिव्यति
अथाह है।
ऑसू ने साहित्य रचा
कविता का सागर
आँसू में डूब ही गया।
ऑंसू एक आँख का
सौन्दर्य भी है.
दुख का संगम भी है।
आंसू दिल पिघला जाते हैं
तो दिल के गम
धो जाते हैं
खुशी के पल
एक बार फिर
संजोने के लिए |
डॉ. करुणा भल्ला