आँसू
होता दिल में दर्द जब, बढ़े हृदय की ताप।
मोती बनकर बह चले,आँसू तब चुपचाप।।१
आँसू की होती नहीं, कोई भी पहचान।
गम हो चाहे हो खुशी, बहते एक समान।।२
कैसे हो पाये भला, मानव की पहचान।
दोनों नकली हो गये, आँसू औ” मुस्कान।।३
आँखों से आँसू बहे, तो होता अहसास।
जीवन अपनों के बिना, होता बहुत उदास।।४
हर्ष, शोक,गम,प्रेम में, आँसू की बरसात।
करे प्रकट हर भावना,कह दे मन की बात।।५
नीलम जैसी आँख में, मोती भरे हजार।
आँखों से खोना नहीं,यूँ आँसू बेकार।।६
आँखों से आँसू बहे, दर्द भरा सैलाब।
किस्मत ने धोखा दिया, टूटे सारे ख्वाब।।७
-लक्ष्मी सिंह