आँसू बरसे उस तरफ, इधर शुष्क थे नेत्र।
आँसू बरसे उस तरफ, इधर शुष्क थे नेत्र।
हुई समूची देह ज्यों, वृष्टि छाया क्षेत्र।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
आँसू बरसे उस तरफ, इधर शुष्क थे नेत्र।
हुई समूची देह ज्यों, वृष्टि छाया क्षेत्र।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद