*आँसू (कुंडलिया)*
आँसू (कुंडलिया)
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आँसू से बढ़कर नहीं ,समझो कोई मीत
ढुलका तो फिर बन गया ,आहें भरता गीत
आहें भरता गीत ,हृदय की व्यथा सुनाता
जो भीतर की बात ,जगत तक यह पहुँचाता
कहते रवि कविराय ,ठहर जाता तो धाँसू
बन जाता चट्टान , दर्द का साथी आँसू
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451