आँखें
आँखें ही चेहरे का आईना होता हैं।
हम और तुम जिंदगी में सच रहते हैं।
तेरे मेरे सपने आँखों में जो रहते हैं।
हां सच तो यही बस सोच रहती हैं।
हमारी आँखों में ख्बाव रहते हैं।
हम जो सोचते जीवन में कहते हैं।
रंगमंच में सच सपने आँखों में होते हैं।
आज कल बरसों के साथ हम रहते हैं।
हां हमसफ़र हमारी आंँखों में बसते हैं।
एतबार और इकरार भी सच होते हैं।
आँखों में ही एहसास इकरार होते हैं।
इज़हार ए इश्क मोहब्बत चाहत रहती हैं
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र