Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2020 · 1 min read

अ-शादी

एक-दूसरे से वे दोनों कई वर्षों से प्रेम करते थे । दोनों के बालिग हुए भी कई बरस हो गए थे। इसबार की होली में दोनों खूब होली खेले थे, परंतु शादी से पहले दोनों ने ही शारीरिक-संबंध को ‘ना’ कहे थे। दोनों प्रेम के प्रति बेहद अनुशासित थे।
×××
कोरोना कहर के कारण देश में लॉकडाउन हुई, जिसमें पहले सोशल डिस्टेंसिंग, फिर बाद में फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियम कड़ाई से गठित हुई। दोनों मोबाइल से ही हालचाल लेते रहे। वे इतने अनुशासित थे कि शादी की बात कई वर्षों के लिए टाल दिए….
कारण न दहेज आड़े आई, न दूसरी जाति आड़े आई, न दूसरे धर्म ही, न गरीबी-अमीरी आड़े आई, न बेरोजगारी आड़े आई ! आड़े तो आई, सिर्फ ‘फिजिकल डिस्टेंसिंग’, क्योंकि जब शारीरिक दूरी है, तो शादी करके भी शारीरिक स्पर्श नहीं हो पाती !
×××
बावजूद, ऐसे अनुशासित ‘वारियर्स’ को लोग शुक्रिया भी नहीं करेंगे!

Language: Hindi
362 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
কি?
কি?
Otteri Selvakumar
मिलन
मिलन
Bodhisatva kastooriya
डा० अरुण कुमार शास्त्री
डा० अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
अंग अंग में मारे रमाय गयो
अंग अंग में मारे रमाय गयो
Sonu sugandh
सारे  ज़माने  बीत  गये
सारे ज़माने बीत गये
shabina. Naaz
नदी की तीव्र धारा है चले आओ चले आओ।
नदी की तीव्र धारा है चले आओ चले आओ।
सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण'
💐प्रेम कौतुक-391💐
💐प्रेम कौतुक-391💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
■ सीधी बात, नो बकवास...
■ सीधी बात, नो बकवास...
*Author प्रणय प्रभात*
अश्रु से भरी आंँखें
अश्रु से भरी आंँखें
डॉ माधवी मिश्रा 'शुचि'
हे चाणक्य चले आओ
हे चाणक्य चले आओ
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मुस्कुराकर देखिए /
मुस्कुराकर देखिए /
ईश्वर दयाल गोस्वामी
दीवाली शुभकामनाएं
दीवाली शुभकामनाएं
kumar Deepak "Mani"
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
Jyoti Khari
"स्मृति"
Dr. Kishan tandon kranti
कलियों  से बनते फूल हैँ
कलियों से बनते फूल हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*भीड़ से बचकर रहो, एकांत के वासी बनो ( मुक्तक )*
*भीड़ से बचकर रहो, एकांत के वासी बनो ( मुक्तक )*
Ravi Prakash
-- मुंह पर टीका करना --
-- मुंह पर टीका करना --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
नर जीवन
नर जीवन
नवीन जोशी 'नवल'
जीवन  आगे बढ़  गया, पीछे रह गए संग ।
जीवन आगे बढ़ गया, पीछे रह गए संग ।
sushil sarna
त्याग
त्याग
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
चार पैसे भी नही....
चार पैसे भी नही....
Vijay kumar Pandey
आज मंगलवार, 05 दिसम्बर 2023  मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी
आज मंगलवार, 05 दिसम्बर 2023 मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष की अष्टमी
Shashi kala vyas
कुदरत है बड़ी कारसाज
कुदरत है बड़ी कारसाज
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बिहार एवं झारखण्ड के दलक कवियों में विगलित दलित व आदिवासी-चेतना / मुसाफ़िर बैठा
बिहार एवं झारखण्ड के दलक कवियों में विगलित दलित व आदिवासी-चेतना / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
"मां की ममता"
Pushpraj Anant
* इस धरा को *
* इस धरा को *
surenderpal vaidya
साँप ...अब माफिक -ए -गिरगिट  हो गया है
साँप ...अब माफिक -ए -गिरगिट हो गया है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कविता ही तो परंम सत्य से, रूबरू हमें कराती है
कविता ही तो परंम सत्य से, रूबरू हमें कराती है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हंस
हंस
Dr. Seema Varma
Loading...