अग़र ना बोली तो…
अग़र ना बोली तेरी हरकतों पर तो मज़ाक समझ लोंगे,
मज़बूर हैं तेरे रिश्ते से तो घर का अख़बार समझ लोगें,
वो मुख़बधिर तक बन गयी तेरी हैवानियत पर भी,
औऱ तुम्हें दो अफ़साने दे दिए तो पराया समझ लोंगे।
–सीरवी प्रकाश पंवार
अग़र ना बोली तेरी हरकतों पर तो मज़ाक समझ लोंगे,
मज़बूर हैं तेरे रिश्ते से तो घर का अख़बार समझ लोगें,
वो मुख़बधिर तक बन गयी तेरी हैवानियत पर भी,
औऱ तुम्हें दो अफ़साने दे दिए तो पराया समझ लोंगे।
–सीरवी प्रकाश पंवार