अहिंसा का पुजारी
अहिंसा का पुजारी
उसकी अहिंसा
यरवदा जेल में
पूना पैक्ट में
साबित हुई घातक
वंचितों के लिए
उसकी अहिंसा ने की
वंचितों के
अधिकारों की हत्या
उनके शासक बनने के
अवसरों की हत्या
समता मूलक समाज की
परिकल्पना की हत्या
विपन्नता से
संपन्नता की ओर
अग्रसर होने के
हौंसलों की हत्या
वो फिर भी
अपने जीवन के
अंतिम क्षण तक रहा
अहिंसा का पुजारी
-विनोद सिल्ला©