Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Dec 2024 · 2 min read

अहसास प्यार का।

इक शख़्स यूं आया जिंदगी में जो अनकही सी बातें कर गया
शायद खाली था कोई कोना दिल का और उसे अपनी मोहब्बत से भर गया।

ख़ास था वो शख्स दिल के पास था वो शख्स
ना ख़तम होने वाली बातें हम किया करते थे
खोने की गर बात आए तो दोनों ही डरते थे

मिलना तो क़िस्मत में था ही नहीं
फिर भी ना जाने क्यों मिल गए
क्यों टकरा गई नजरें दोनों की क्यों मोहब्बत के गुल खिल गए

आप से तुम और तुम से तू का ये सफ़र मानो सदियों का रिश्ता था
दिल से चाहा उसको और मेरे लिए फरिश्ता था

आज नजरों से दूर भले वो गया और उसने ख़ुद को मुझसे दूर कर लिया
मोहब्बत तो बेपनाह थी उसकी भी मगर हालातों ने उसे मजबूर कर दिया

नाज़ है मुझे उस पर और उसकी वफ़ा पर उसने रिश्ता दिल से निभाया है
जितना चाहा था पास रहकर उतना ही उसने दूर रहकर भी चाहा है

जानता था वो कि मिलन कुछ पल का ही था फिर भी इस मोहब्बत को सर आंखों पर बिठाया
आज इस रिश्ते में चुपचाप हो गया वो और उसने फरिश्ता बनकर दिखाया।

ना उसने बेवफाई की ना उसने धोखा दिया, अपने प्यार की खुशी के खातिर उसने अपने प्यार को खुश रहने का मौका दिया।

वो शख्स जब से मिला था तब से दिल के पास रहा
क्योंकि इज़्ज़त बनाई है उसने प्यार में इसलिए तो खास रहा।

कौन कहता है कि लड़के प्यार निभाते नहीं
वो तो इस जमाने के कारण दिल की बात किसी को बताते नहीं
निभाना क्या होता है ये लड़कों से बेहतर कोई जानता नहीं
जिसको एक बार अपना कह दिया उसके बाद इनका दिल किसी और को अपना मानता नहीं।

रेखा खिंची ✍️✍️

Language: Hindi
21 Views

You may also like these posts

“चिट्ठी ना कोई संदेश”
“चिट्ठी ना कोई संदेश”
DrLakshman Jha Parimal
*पढ़ने का साधन बना , मोबाइल का दौर (कुंडलिया)*
*पढ़ने का साधन बना , मोबाइल का दौर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
तेवरी के लिए एक अलग शिल्प ईज़ाद करना होगा + चेतन दुवे 'अनिल'
तेवरी के लिए एक अलग शिल्प ईज़ाद करना होगा + चेतन दुवे 'अनिल'
कवि रमेशराज
कविता
कविता
Rambali Mishra
रहनुमा मिल गया
रहनुमा मिल गया
अरशद रसूल बदायूंनी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
लोग पथ से भटक रहे हैं
लोग पथ से भटक रहे हैं
Sudhir srivastava
काश जज्बात को लिखने का हुनर किसी को आता।
काश जज्बात को लिखने का हुनर किसी को आता।
Ashwini sharma
24/247. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/247. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आया बसन्त आनन्द भरा
आया बसन्त आनन्द भरा
Surya Barman
वो बेजुबान कितने काम आया
वो बेजुबान कितने काम आया
Deepika Kishori
माना जिंदगी चलने का नाम है
माना जिंदगी चलने का नाम है
Dheerja Sharma
आज लिखने बैठ गया हूं, मैं अपने अतीत को।
आज लिखने बैठ गया हूं, मैं अपने अतीत को।
SATPAL CHAUHAN
भोर
भोर
Deepesh purohit
तेरा साथ है कितना प्यारा
तेरा साथ है कितना प्यारा
Mamta Rani
चुनिंदा अश'आर
चुनिंदा अश'आर
Dr fauzia Naseem shad
जब लोग उन्हें मार नहीं पाते हैं
जब लोग उन्हें मार नहीं पाते हैं
Sonam Puneet Dubey
इक उम्र चुरा लेते हैं हम ज़िंदगी जीते हुए,
इक उम्र चुरा लेते हैं हम ज़िंदगी जीते हुए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
डर्टी पिक्चर (Dirty Picture)
डर्टी पिक्चर (Dirty Picture)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
कर्म-बीज
कर्म-बीज
Ramswaroop Dinkar
जीत रही है जंग शांति की हार हो रही।
जीत रही है जंग शांति की हार हो रही।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
- तुम्हे ऐसा लिखा करेंगे -
- तुम्हे ऐसा लिखा करेंगे -
bharat gehlot
" धन "
Dr. Kishan tandon kranti
कफन
कफन
Mukund Patil
संघर्ष
संघर्ष
विजय कुमार अग्रवाल
एक
एक
*प्रणय*
रात अभी अलसाई है,  जरा ठहरो।
रात अभी अलसाई है, जरा ठहरो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आज के लिए कम सोचो
आज के लिए कम सोचो
Ajit Kumar "Karn"
ख़्वाबों के रेशमी धागों से   .......
ख़्वाबों के रेशमी धागों से .......
sushil sarna
सिकन्दर बन कर क्या करना
सिकन्दर बन कर क्या करना
Satish Srijan
Loading...