अहसास नया-सा है
जबसे इस दिल के मधुबन में,मोहब्बत का फूल खिला है।
महकी-महकी-सी हैं साँसें,कोई अहसास नया-सा है।।
सबसे हँसके मिलता हूँ मैं,
तूफ़ानों-सा चलता हूँ मैं,
नभ को छूने की आशा है,
सपने कितने बुनता हूँ मैं,
ज़ोश भरे मन पंख लगाकर,प्रेम नगर की ओर चला है।
रीत नयी है प्रीत नयी है,जीवन की रंगीन कला है।।
पल-पल में विश्वास भरा है,
हलचल में आकाश भरा है,
दिल सागर-सा विशाल हुआ,
मन में एक प्रकाश भरा है,
हर रुत मुझको आज लुभाती,सबकुछ ही बदला-बदला है।
रंगत प्यारी संगत प्यारी,जीवन पथ उजला-उजला है।।
आँखों-आँखों का दौर नया,
दिन-रात नयी है छोर नया,
ताल नयी है चाल नयी है,
प्रीतम दिल का गौर नया,
सफ़र नया दिल जीत चला है,प्यार भरा इक गीत मिला है।
पग-पग पर सरग़म बजती है,झरनों-सा संगीत खिला है।।
–आर.एस.प्रीतम
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