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29 Aug 2024 · 1 min read

अहंकार

अहंकार

जितना पीट सको मुँह पीटो।
अपने सिर को खूब घसीटो।।
तोड़ो अपना जबड़ा जमकर।
आँख फोड़ लो क्रोधित हो कर।।

खुद को बाका सदा समझना।
सदा तिमिर को दिनकर कहना।।
अहंकार में जल-मर जाओ।
अपनी करनी का फल पाओ।।

सज्जन का क्या कर पाओगे?
केवल रोते रह जाओगे।।
आत्मघात का विगुल बजाओ।
अपना सब चौपट कर जाओ।।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

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