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25 May 2022 · 1 min read

अहंकार

अपने इस विचित्र हयात में
कभी भी अहंकार को कर
नहीं करन उड़ेलना चाहना
इस भव, भूमंडलीय जग में।

अहंकृति जब होता इंसा में
तो इंसान – इंसान न होता
जस-जस उत्तप्त करें अयस
तस-तस गुमत अपना रूप।

जब आपको हो अहंमन्यता
तब आप श्मशान में जाके
दृष्टिपात करे मुरदघट्टा का
कितने नायाब दग्ध हुए यहां ।

अभिमान को त्याग करके ही
कोई इंसान होता बड़ा विद्वान
कभी भी ग़रूर को समावेश
न देना इस अनोखी – सी में ।

Language: Hindi
3 Likes · 331 Views
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