अहंकार और अधंकार दोनों तब बहुत गहरा हो जाता है जब प्राकृतिक
अहंकार और अधंकार दोनों तब बहुत गहरा हो जाता है जब प्राकृतिक और वो खुद के अंदर के प्रकाश ( मूल ज्ञान ) से विमुख हो जाता है।अहंकार का जन्म किसी भी मान,पद, कद,धन या वस्तु के अल्पज्ञता से होता है।चन्द्रमा जब पूर्ण गोल होता है तो उस दिन पूर्णिमा होती है लेकिन जब उसे अहंकार हो जाता है उस दिन उसके अंदर अमावस्या का अंधकार आ जाता है जो अहंकार से पैदा होता है।
RJ Anand Prajapati