असल तमाशा
माहौल को ज़रा गरम करेंगे
बेशरम लोग भी शरम करेंगे
महफ़िल छोड़ के जानेवाले रुक
तमाशा असल तो अब हम करेंगे
तुम ने देखा है मेरा ज़ख़्म होना
देख ले उस पे अब मरहम करेंगे
नाटक ये चलेगा देर तक अब
देख तू और क्या क्या हम करेंगे
आप तो डर गए देख हालत मेरी
दूर क्या आप हमारे ग़म करेंगे
~विनीत सिंह