असली मजा
इस जहाँ में
ऐसा कुछ नही
जो है नही
फिर भी
कमी ही कमी
सोचा कभी
क्यों है ऐसा ?
अरे नही !
सबकी वजह
नही है पैसा
शायद है कुछ ऐसा
जो चाहिए मुझे
वो उसके पास
जो चाहिए उसे
वो मेरे पास
ये है सजा ?
या जिन्दगी जीने का
असली मज़ा ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 01/03/13 )