असर बुरा है
***असर बुरा है ***
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प्यार का हसर बुरा है,
यार पर असर बुरा है।
राह सेज शूल दायक,
चाल में कसर बुरा है।
ठीक तो नहीं ठिकाना,
रंक का बसर बुरा है।
शाम है चली,चलो तुम
रात को पसर बुरा है।
जेठ मास गर्मी भरा है,
ताप में टसर बुरा है।
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सुखविन्द्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)